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वदयतचबकय वकरण क दषय परकश क अतरकत अनय वकरण क उपयग कछ ह दशक स आरमभ हआ ह। मनव जब भ कस नय वकरण क पत लगत ह, सभयत म एक क�
वदयत और चबकतव दन ह वदयतचबकय परभव ह।
अनय मधयम म इसक चल शनय म इसक चल स कम हत ह।
इसम वदयत कषतर एव चबकय कषतर परसपर लमबवत दलन करत ह; तथ वदयत चबकय तरग क सचरण क दश वदयत एव चबकय कषतर क लमबवत हत ह।
इसका अस्तित्व विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र के दोलन के कारण होता है।